राज्य कार्यपालिका -
संविधान के छठे भाग में राज्य में सरकार के बारे में बताया गया है | लेकिन यह व्यवस्था जम्मू और कश्मीर राज्य के लिए लागू नहीं होता | इसे विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है और राज्य का अपना स्वयं का संविधान है | संविधान के छठे भाग के अनुच्छेद 153 से 167 तक राज्य कार्यपालिका के बारे में बताया गया है | राज्य कार्यपालिका में राज्यपाल , मुख्यमंत्री , मंत्रिपरिषद और राज्य के महाधिवक्ता शामिल होते है ।
राज्यपाल की योग्यता (Qualification of governor) -
राज्यपाल पद ( Governor of Chhattisgarh ) पर नियुक्त किये जाने वाले व्यक्ति में निम्न योग्यताएं होना अनिवार्य है ।
1.वह भारत का नागरिक हो |
2.वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो |
3.किसी प्रकार के लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए 4.वह राज्य विधानसभा का सदस्य चुने जाने योग्य हो | 5.उसे न तो संसद सदस्य होना चाहिए और न ही विधानमंडल का सदस्य | यदि ऐसा कोई व्यक्ति राज्यपाल नियुक्त किया जाता है तो उसे सदन से उस तिथि से अपना पद छोड़ना होगा , जब से उसने राज्यपाल का पद ग्रहण किया है ।
राज्यपाल की नियुक्ति (appointment of governer) -
राज्यपाल न तो जनता द्वारा सीधे चुना जाता है और न ही अप्रत्यक्ष रूप से राष्ट्रपति की तरह संवैधानिक प्रक्रिया के तहत उसका चुनाव होता है । उसकी नियुक्ति राष्ट्रपति के मुहर लगे आज्ञापत्र के माध्यम से होती है | इस प्रकार वह केंद्र सरकार द्वारा मनोनीत होता है । राज्यपाल , राज्य का कार्यकारी प्रमुख ( संवैधानिक मुखिया ) होता है । राज्यपाल , केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में भी कार्य करता है । इस तरह राज्यपाल कार्यालय , दोहरी भूमिका निभाता है । सामान्यत : प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्यपाल होता है , लेकिन सातवें संविधान संसोधन अधिनियम 1956 की धारा के अनुसार एक ही व्यक्ति को दो या दो से अधिक राज्यों का राज्यपाल भी नियुक्त किया जा सकता है । राज्यपाल को केंद्र द्वारा नियुक्त किया जाता है यह ' कनाडा' मॉडल को अपनाया गया है ।
राज्यपाल का कार्यकाल ( Governor's term ) -
1.राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति दवारा 5 वर्ष के लिए की जाती है , परन्तु वह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है ।
2.राज्यपाल का वेतन 3.5 लाख रूपये मासिक है | यदि दो या दो से अधिक राज्यों का राज्यपाल एक ही हो , तो उसे दोनों राज्यपालों का वेतन उस अनुपात में दिया जायेगा , जैसा की राष्ट्रपति निर्धारित करें । 3.राज्यपाल पद ग्रहण करने से पूर्व उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अथवा वरिष्ठतम न्यायाधीश के सम्मुख अपने पद की शपथ लेता है ।
राज्यपाल की उन्मुक्तियां तथा विशेषाधिकार ( Immunities and Privileges of Governor ) -
1.वह अपने पद की शक्तियों के प्रयोग तथा कर्तव्यों के पालन के लिए किसी न्यायालय के प्रति उत्तरदायी नहीं है ।
2.राज्यपाल की पदावधि के दौरान उसके विरुदध किसी भी न्यायालय में किसी भी प्रकार की आपराधिक कार्यवाई प्रारम्भ नहीं की जा सकती है । 3.जब वह पद पर हो तब तक उसकी गिरफ्तारी का आदेश किसी न्यायालय द्वारा जारी नहीं किया जा सकता |
4.राज्यपाल का पद ग्रहण करने से पूर्व या पश्चात उसके दवारा किये गये कार्य के संबंध में कोई सिविल कार्यवाई करने से पहले उसे 2 मास पूर्व सूचना देनी पड़ती है |
राज्यपाल के कार्य और शक्तियां (Work & Rights Of Governer)
कार्यपालिका संबंधी कार्य -
1.राज्य के समस्त कार्यपालिका कार्य राज्यपाल के नाम से किये जाते हैं ।
2.राज्यपाल मुख्यमंत्री को तथा उसकी सलाह से मंत्रिपरिषद के सदस्यों की नियुक्ति करता है ।
3.राज्य के प्रशासन के संबंध में मुख्यमंत्री से सूचना प्राप्त करना |
4.जब राज्य का प्रशासन संवैधानिक तंत्र के अनुसार न चलाया जा रहा हो तो राज्यपाल राष्ट्रपति से राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करता है ।
5.राष्ट्रपति शासन के समय राज्यपाल केंद्र सरकार के अभिकर्ता के रूप में | राज्य का प्रशासन चलाता है । 6.राज्यपाल राज्य के विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति होता है तथा उपकुलपतियों को भी नियुक्त करता है । 7.राज्य लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों को भी लेकिन उन्हें केवल राष्ट्रपति ही हटा सकता है
राज्यपाल की विधायी शक्तियाँ -
1.वह राज्य विधानसभा का अभिन्न अंग है।
2.वह राज्य विधानसभा के सत्र को आहूत या विघटित कर सकता है।
3.वह विधानमंडल के प्रत्येक चुनाव के बाद पहले और प्रतिवर्ष के पहले संबोधित कर सकता है।
4.वह किसी सदन या विधानमंडल के साधनों को संदेश भेज सकता है।
5.राज्य विधानसभा के कुल 1/6 भाग को वह नामित कर सकता है।
6.वह विधानसभा के लिए एक आंग्ल भारतीय समुदाय से एक व्यक्ति की नियुक्ति कर सकता है ( अनुच्छेद -333 )
7.वह किसी भी अध्यादेश को किसी भी समय समाप्त पर सकता है ।
राज्यपाल की वित्तीय शक्तियां -
1.वह सुनिश्चित करता है कि वार्षिक वित्तीय विवरण ( राज्य बजट ) को राज्य विधानमंडल के सामने रखा जाए ।
2.धन विधेयकों को उसकी पूर्व अनुमति के बाद ही विधानसभा में प्रस्तुत किया जा सकता है ।
3.उसकी सहमति के बिना किसी अनुदान की मांग नहीं की जा सकती ।
4.वह राज्य की आकस्मिक निधि से अग्रिम ले सकता है ।
5.पंचायतों एवं नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति की हर पांच वर्ष बाद समीक्षा के लिए वह वित्त आयोग का गठन करता है ।
राज्यपाल की न्यायिक शक्तियां -
1.वह किसी दोषी ठहराए व्यक्ति के दण्ड को क्षमा कर सकता है |
2.उसका प्रविलंबन विराम दे सकता है अथवा दंडादेश से निलंबित कर सकता है ।
3.उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति के मामले में राष्ट्रपति से विचार विमर्श ।
4.मृत्युदंड की सजा को माफ़ नहीं कर सकता लेकिन राज्यपाल इसे स्थगित या पुनर्विचार के लिए कह सकता है ।
राज्यपाल का वेतन (Salary) -
राज्यों के राज्यपाल का महीने का वेतन 3 लाख 50 हजार रुपए है। 30 प्रतिशत की कटौती के बाद ये 2 लाख 45 हजार रुपए ही मिलते हैं।
राज्यपाल से संबंधित अनुच्छेद
अनुच्छेद 153- राज्यों के राज्यपाल
अनुच्छेद 154 - राज्य की कार्यपालिका शक्ति अनुच्छेद 155- राज्यपाल की नियुक्ति
अनुच्छेद 156- राज्यपाल का कार्यकाल
अनुच्छेद 157- राज्यपाल के नियुक्त होने के लिए अहताएं
अनुच्छेद 158- राज्यपाल कार्यालय के लिए दशाएं अनुच्छेद 159- राज्यपाल द्वारा शपथ ग्रहण
अनुच्छेद 160- आकस्मिक परिस्थिति में राज्यपाल के कार्य
अनुच्छेद 161 - राज्यपाल को क्षमादान की शक्ति अनुच्छेद 162 - राज्य की कार्यपालक शक्ति की सीमा अनुच्छेद 163 - मंत्रिपरिषद का राज्यपाल को सहयोग तथा सलाह देना
अनुच्छेद 164 - मंत्रियों से संबंधित प्रावधान जैसे - नियुक्ति , कार्यकाल , वेतन आदि
अनुच्छेद 165 - राज्य का महाधिवक्ता
अनुच्छेद 166 - राज्य की सरकार द्वारा संचालित कार्यवाही
अनुच्छेद 167 - राज्यपाल को सूचना देने का मुख्यमंत्री का दायित्व
अनुच्छेद 174 - राज्य विधायिका का सत्र , सत्रावसान तथा उसका भंग होना
अनुच्छेद 175 - दोनों सदनों को संबोधन करने अथवा संदेश देने का अधिकार
अनुच्छेद 176 - राज्यपाल द्वारा विशेष संबोधन अनुच्छेद 200 - विधेयक पर सहमती
अनुच्छेद 201 - राज्यपाल द्वारा विधेयक को राष्ट्रपति के विचारार्थ सुरक्षित रख लेना
अनुच्छेद 213 - राज्यपाल की अध्यादेश जारी करने की शक्ति
अनुच्छेद 217 - उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के मामले में राष्ट्रपति से सलाह लेना
अनुच्छेद 233 - राज्यपाल द्वारा जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति
माननीय सुश्री अनुसुईया उइके (जन्म 10 अप्रैल 1957) छत्तीसगढ़ की वर्तमान राज्यपाल है ये छत्तीसगढ़ की 6वीं राज्यपाल है। इनका जन्म, मध्य प्रदेश में हुआ है।
Governors of Chhattisgarh ( राज्यपाल की सूची ) -
क्र. | नाम | पदभार ग्रहण | पद मुक्त |
---|---|---|---|
1. | दिनेश नंदन सहाय | 1 नवम्बर 2000 | 1 जून 2003 |
2. | कृष्ण मोहन सेठ | 2 जून 2003 | 25 जनवरी 2007 |
3. | ई. एस. एल. नरसिंहन | 25 जनवरी 2007 | 23 जनवरी 2010 |
4. | शेखर दत्त | 23 जनवरी 2010 | 14 जुलाई 2014 |
5. | बलरामजी दास टण्डन | 18 जुलाई 2014 | 15 अगस्त 2018 |
- | आनंदीबेन पटेल(अतिरिक्त प्रभार) | 15 अगस्त 2018 | 16 जुलाई 2019 |
6. | अनुसुइया उइके | 16 जुलाई 2019 | अब तक |
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